इस स्थिति में ओवरी यानी अंडाशय बढ़ने लगते हैं जिसके वजह से एग के चारों तरफ फॉलिकल की संख्या बढ़ने लगती है और ओवरी सही से काम नहीं कर पाती है.
ये ऐसी गांठें होती हैं जो कि महिलाओं के गर्भाशय में या उसके आसपास उभरती हैं। ये मांस-पेशियां और फाइब्रस उत्तकों से बनती हैं और इनका आकार कुछ भी हो सकता है। इसके कारण बांझपन का खतरा होने की आशंका रहती है।
यदि आपका मासिक धर्म किसी महीने नहीं आता हैं तो भी यह अनियमित माना जा सकता है।
"सफेद पानी आना" स्त्रिओं का एक रोग है जिसमें स्त्री-योनि से असामान्य मात्रा में सफेद रंग का गाढा और बदबूदार पानी निकलता है और जिसके कारण वे बहुत क्षीण तथा दुर्बल हो जाती है।
अगर आपको किसी भी वजह से कमजोरी लगती रहती है, कमर में दर्द रहता है, चक्कर आता है, चिड़चिड़ापन रहता है
महिला बांझपन को मेडिकल भाषा में फीमेल इनफर्टिलिटी कहा जाता है। यह समस्या उस समय उत्पन्न होती है, जब कोई महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है।
किसी भी उम्र में मुहांसे निकलने के पीछे दो कारण हैं, पहला त्वचा का अधिक तैलीय होना और दूसरा बैक्टीरिया। इसके अलावा अधिकांश महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर में परिवर्तन या हार्मोन असुंतलन भी मुहांसे निकलने का मुख्य कारण है।
थायराइड तितली के आकार का एक ग्लैंड होता है। ये सांस की नली के ऊपर होता है। थायराइड ग्लैंड थ्योरिकसिन नाम का हार्मोन बनाता है। ये हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाता है और बॉडी में सेल्स को कंट्रोल करता है।
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