मल द्वार पर मस्से होना, मल द्वार पर सूजन आना, मल के साथ खून आना
मल के साथ पस / मवाद / रक्त का आना, मल त्याग के समय दर्द एवं जलन का होना , मल द्वार पर सूजन आना
मॉल द्वार पर कट लग जाना एवं एवं जलन / खुजली का होना
पेट का साफ़ नहीं होना, खट्टी डकार आना, बार बार सौंच जाने की इच्छा
बड़ी आंत में सूजन, मल के साथ चिपचिपा निकलना
गुदाद्वार पर मस्से होना
गुदाद्वार या उसके बगल में कट लगा होना
गुदाद्वार या उसके बगल से पस निकलना
आपके द्वारा दी गयी समस्त जानकारी पूर्णतः गुप्त रखी जाएगी
आपकी दवाएं एक विशेष बॉक्स में रखकर आपके घर तक डिलीवर करायी जाएँगी
बवासीर / भगंदर का इलाज होमियोपैथी पद्धति में जड़ से होता है
इलाज के दौरान आप हमारी क्लिनिक पर भी आकर डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं एवं ऑनलाइन सलाह भी ले सकते हैं
नोट : आप हमारे डॉक्टर से क्लिनिक में आकर भी मिल सकते हैं एवं ऑनलाइन सलाह भी ले सकते हैं
बवासीर से पूर्णतः निजात पाने के लिए आपको लगभग 3 से 4 महीने इलाज करना होता है, इसकी अवधि मर्ज़ की गंभीरता के अनुसार कम या ज्यादा भी हो सकती है। अतः यदि आप हमारे द्वारा दी हुई दवाओं का नियमित सेवन करते है तथा बताए गए डाइट चार्ट व दिनचर्या का पूर्णतः पालन करते है तो आपको जल्द ही इस समस्या से निजात मिल जाती है।
फिशर से पूर्णतः निजात पाने के लिए आपको लगभग 3 से 4 महीने इलाज करना होता है, इसकी अवधि मर्ज़ की गंभीरता के अनुसार कम या ज्यादा भी हो सकती है। अतः यदि आप हमारे द्वारा दी हुई दवाओं का नियमित सेवन करते है तथा बताए गए डाइट चार्ट व दिनचर्या का पूर्णतः पालन करते है तो आपको जल्द ही इस समस्या से निजात मिल जाती है।
फिस्टुला से पूर्णतःनिजात पाने के लिए आपको लगभग 3 से 4 महीने इलाज करना होता है, इसकी अवधि मर्ज़ की गंभीरता के अनुसार कम या ज्यादा भी हो सकती है। अतः यदि आप हमारे द्वारा दी हुई दवाओं का नियमित सेवन करते है तथा बताए गए डाइट चार्ट व दिनचर्या का पूर्णतः पालन करते है तो आपको जल्द ही इस समस्या से निजात मिल जाती है।